आङ्गिरस
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]आंगिरस ^१ सज्ञा पुं॰ [सं॰ आङ्गिररस] [वि॰ स्त्री॰ आंगिरती]
१. अंगिरा के पुत्र बृहस्पति, उतथ्य और संवर्त ।
२. अंगिरा के गोत्र का पुरुष ।
३. अथर्ववेद की चार ऋचाओं का सूक्त जिसके द्रष्टा । अंगिरा थे ।
आंगिरस ^२ वि॰ [सं॰ आङ्गिरस]
१. अंगिरासंबंधी । अंगिरा का ।
२. अंगिरा से उत्पन्न [को॰] ।
आंगिरस सत्र सज्ञा पुं॰ [सं॰ आङ्गिरस+सत्र] यज्ञाविशेष । बृहस्पति- सत्र [को॰]