आचमन संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ आचमनीय, आचमित] १. जल पीना । २. शुद्धि के लिये मुँह में जल लेना । ३. किसी धर्म संबंधी कर्म के आरंभ में दाहिने हाथ में थोड़ा सा लेकर मंत्रपुर्वक पीना यह पुजा के षोडशोपचार में से एक है । ४. सुगंधबाला । नेत्रबाला ।