आडंबर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]आडंबर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आडंबर]
१. गंभीर शब्द ।
२. तुरही का शब्द ।
३. हाथी की चिग्घाड़ ।
४. ऊपरी बनावट । तड़क भड़क । टीम टाम । झूठा आयोजन । ढोंग । कपटवेष जिससे वास्तविक रुप छिप जाय । जैसे,—(क) उसमें विद्या तो ऐसी ही वैसी है, पर वह आडंबर खूब बढ़ाए हुए है ।—(ख) आजकल के साधुओं के आडंबर ही आडंबर देख लो । क्रि॰ प्र॰—करना ।—फैलना ।—बढ़ाना ।—रचना ।
५. आच्छादन । यौ॰—मेघाडंबर ।
६. तंबू ।
७. बड़ा ढोल जो युद्ध में बजाया जाता है । पटह ।
८. कोलाहल करना । जोर जोर से या आधिक बोलना [को॰] ।
९. बादलों का गर्जन । मेघगर्जन [को॰] ।
१०. युद्धघोषण या आक्रमण की सूचना देने का पटह या नगाड़ा [को॰] ।
११. प्रसन्नता । आह्वलाद [को॰] ।
१२. पलक [को॰] ।
१३. अंग- संवाहन । मालिश [को॰] ।
१४. क्रोध । कोप [को॰] ।