आढ़त संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ आड़ना=जमानत देना] १. किसी अन्य व्यापारी का माल रखकर कुछ कमीशन लेकर उसकी बिक्री करा देने का व्यवसाय । २. वह स्थान जहाँ आढ़त का माल रहता हो । ३. वह धन जो बिक्री कराने के बदले मिलता है ।