आथना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
आथना ^१पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ अस=होना, सं॰ अस्ति, प्रा॰ अत्थि] होना । उ॰—(क) कबिरा पढ़ना दूर कर, आथि पड़ा संसार । पीर न उपजै जीव की, क्यों पावै करतार ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) काया माया संग न आथी । जेहि जिउ सौंपा सोई साथी ।-जायसी ग्रं॰, पृ॰ ६० ।
आथना ^२ पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ अस्त, प्रा॰ अत्थ] अस्त होना । डूबना । समाप्त होना ।