आदी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

आदी ^१ वि॰ [अ॰] अभ्यस्त । उ॰— अब उतर आए हैं वो तारीफ पर । हम जो आदी हो गए दुश्नाम के ।— कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ५५३ ।

आदी † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ आर्द्रक] अदरक ।

आदी ^३ क्रि॰ वि॰ [सं॰ आदि] बिलकुल । नितांत । जरा भी । उ॰— (क) मातु न जानसि बावक आदी । हौं बादला सिंघ रनवादी । जायसी ग्रं॰, पृ॰ २८२ ।