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आधार

विक्षनरी से

संज्ञा

नीव, ऐसी वस्तु जिसके ऊपर कोई निर्माण या रचना बनाई जाती है।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

आधार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. आश्रय । कहारा । अवलंब । जैसे,— (क) यह छत चार खंभों के आधार पर है । (ख) वह चार दिन पलों के ही आधार पर रह गया ।

२. व्याकरण में अधिकरण कारक ।

३. थाला । आबबाल ।

४. पात्र (नाटक)

५. नींव । बुनियाद । मूल ।

६. योगशास्त्र में एक चक्र का नाम । विशेष— इसे मूलधार भी कहते हैं । इसमें चार दल हैं । रंग लाल हैं । स्थान इसका गुदा है और गणेश इसके देवता हैं ।

७. बंधा । बाँध (को॰) ।

८. नहर । प्रणाली (को॰) ।

९. संबंध । लगाव (को॰) ।

१०. किरण (को॰) ।

११. बरतन । पात्र (को॰) ।

१२. आश्रय देनेवाला । पालन करनेवाला । जैसे,— इस दशा में ही वे हमारे आदार हो रहे हैं । यौ॰— आधाराधेय = आधार और आधेय का संबंध; जैसे, — पात्र और उसमें रखे हुए घी या टेबुल और उसपर रखी हुई किताब का संबंध । प्राणाधार जिसके आधार पर प्राण हों । पर मप्रिय ।