आयोग
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
आयोग संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. साहित्य में विप्रलंभ के दो पक्षों में से प्रथम जिसमें अविवाहित अवस्था में प्रेम हो जाने पर मिलन न होने से विरह दु:ख उठाना पड़ता है । पूर्वराग की अवस्था ।
२. हल या बैलगाड़ी का जुआ ।
३. पुष्पादि भेंट करने की क्रिया ।
४. किनारा । तट ।
५. नियुक्ति ।
६. कार्यविशेष को पूर्ण करना ।
७. ताल्लुक । संबंध ।
८. कमीशन [को॰] ।