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आरण्य

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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आरण्य ^१ वि॰ [सं॰]

१. जंगली । बनैला ।

२. जंगल का । बन का । यौ॰—आरण्य कुक्कुट । आरण्य गान । आरण्य पशु ।

आरण्य ^२ संज्ञा पुं॰

१. दे॰ 'अरण्य' ।

२. जंगली पशु ।

३. गोमय । गोबर ।

४. मेष, वृष सिंह राशियाँ (ज्योतिष) ।

५. बिना बोए उत्पन्न होनेवाला एक अन्न [को॰] । यौ॰.—आरण्यकांड=रामायण का तृतीय कांड । आरण्य कुक्कुट =बनमुर्गा । आरण्य गान=सामवाद के चार गानों में एक आरण्यपर्व=महाभारत का एक पर्व । आरण्यपशु=जंगली पशु । आरण्यमुग्दा=एक प्रकार का मूंग [को॰] । आरण्य राशि=(१) ज्योतिष में सिंह आदि राशियाँ । (२) कर्कराशि का पूर्वार्ध भाग ।