आरोप
आरोप का अर्थ इलज़ाम है। यह शब्द किसी की प्रतिकुलता स्पष्ट करने के लिए काम में लिया जाता है। आवश्यक नहीं की यह व्यक्तिगत हो।
उदाहरण
- जब अनिल पर लगाये गए आरोप सिद्ध हो गए, तब अदालत ने उसे सजा सुनाई।
- अमेरिका का आरोप, भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न।[१]
मूल
अन्य अर्थ
संबंधित शब्द
हिंदी में
अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द
सन्दर्भ
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
आरोप संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. स्थापित करना । लगाना । मढ़ना । उ॰— कवियों को उनपर अपने भावों के आरोपण की आवश्य- कता नहीं होती । — रस॰, पृ॰ १४ ।
२. एक पेड़ को एक जगह से उखाड़कर दूसरी जगह लगाना । रोपना । बैठाना ।
३. मिथ्याध्यास । झूठी कल्पना ।
४. एक पदार्थ में दूसरे पदार्थ के धर्म की कल्पना । जैसे,— असंग जीवात्मा में कर्तृत्व धर्म का आरोप ।
५. एक पदार्थ में दूसरे पदार्थ के आरोप से उत्पन्न मिथ्या ज्ञान ।
६. (साहित्य में) एक वस्तु में दूसरी वस्तु के धर्म की कल्पना । विशेष—यह आरोप दो प्रकार का माना गया है । एक आहार्य और दूसरा अनाहार्य । आहार्य वह है जहाँ इस बात को जानते हुए भी कि पदार्थों की प्रत्यक्षता से श्रम की निवृत्ति हो सकती है, कहनेवाला अपनी इच्छा के अनुसार उसका प्रयोग करता है । जैसे 'मुखचंद्र' । यहाँ 'मुख' और 'चंद्र' दोनों के धर्म के साक्षात् द्वारा भ्रम की निवृति हो सकती है । दूसरा 'अनाहार्य' है जिसमें ऐसे दो पदार्थों के बीच आरोप हो जिनमें एक या दोनों परोक्ष हों ।