आर्यधर्म

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

आर्यधर्म संज्ञा पुं॰ [सं॰] सदाचार । उ॰—वह आर्पधर्म, वह शिरोधार्य वैदिक समता । —अणिमा, पृ॰ ३५ ।