आवर्तन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]आवर्तन संज्ञा पुं॰ [सं॰ आवर्तन]
१. चक्कर देना । घुमाव । फिराव । उ॰— बहु अनंग पीड़ा उमुभव- सा अंगभंगियों का नर्तन, मधुकर के मरंद उत्सव सा मदिर भाव से आवर्तन ।—कामायनी, पृ॰ ११ ।
२. विलोड़न । मथन । हिलाना । उ॰— सौर चक्र में आवर्तन था प्रलय निशा का होता प्रत ।— कामायनी, पृ, २० ।
३. धातु उत्यादि का गलाना ।
४. दोपहर के पीछे पदाथोँ की छाया का पशि्चम से पूर्व की ओर पड़ना ।
५. तीसरा पहर । पराहण ।