आविर्भाव
आविर्भाव संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] उदय ; अवतरण ; जन्म ; प्रकट होना।
आविर्भाव- संज्ञा पुलिंग [संस्कृत] [विशेषण आविर्भूत]
1. प्रकाश । प्राकटय ।
2. उत्पति । जैसे, - रामानुज का आविर्भाव दक्षिण में हुआ था ।
3.आवेश । जैसे, -महात्माओं में क्रोध का आविर्भाव नहीं होता ।
पुल्लिंग [संज्ञा शब्द - आविस√भू (होना)+घ़ञ्] [भू० कृ० आविर्भूत]
1. अस्तित्व में आकर प्रकट या प्रत्यक्ष होना। उत्पन्न होकर सामने आना या उपस्थित होना। जैसे—संसार में अवतार का या मन में विचार का आविर्भाव होना।
2. प्रकट होना।
शब्दभेद : संज्ञा पुल्लिंग
आविर्भाव का हिंदी अर्थः उदय; अवतरण; जन्म; प्रकट होना।
आविर्भाव' का अर्थ - प्रकट होना,जन्म होना, उत्पत्ति। 'आविर्भाव' का सही विलोम शब्द 'तिरोभाव' है।
आविः+भाव=आविर्भाव
इसमें विसर्ग संधि है।
वाक्यः ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आविर्भाव माता दुर्गा से हुआ।
या
भगवान सदाशिव तथा आदिशक्ति के योग से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आविर्भाव (जन्म) हुआ। प्रकृति रुपी आदिशक्ति दुर्गा ही माता हैं और परम ब्रह्म सदाशिव पिता हैं।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]आविर्भाव संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ आविर्भूत]
१. प्रकाश । प्राकटय ।
२. उत्पति । जैसे, — रामानुज का आविर्भाव दक्षिण में हुआ था ।
३. आवेश । जैसे, -महात्माओं में क्रोध का आविर्भाव नहीं होता ।