आश्चर्य
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]आश्चर्य ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ आश्चर्यित]
१. वह मनोविकार जो किसी नई, अभूतपूर्व, असाधरण, बहुत बड़ी अथवा समझ में न आनेवाली बात के देखने, सुनने या ध्यान में न आने से उत्पन्न होती है । अचंभा । विस्मय । तअज्जुब । क्रि॰ प्र॰—करना ।—मानना ।—होना । यौ॰—आश्चर्यकारक । आश्चर्यजनक ।
२. रस के नौ स्थायी भावों में से एक ।
आश्चर्य ^२ वि॰ आश्चर्ययुक्त । अदभुत । विस्मयपूर्ण [को॰] ।