इंक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

इंक संज्ञा स्त्री॰[अं॰] स्याही । मसी । रोशनाई । विशेष— यह मुख्यत: दो प्रकार की होती है—लिखने की और छापने की । लिखने की स्याही कमीस, हइ, माजु आदि को औटाकार बनती है और छापने की स्याही राल, तेल काजल इत्यादि को घोंटकर बनाई जाती है । यौ॰—इंक पाट = स्याही रखने का बर्तन । मसीपात्र । दावात । इंक पैड = स्याही लगी एक छोटी सी गददी जिससे रबर की मुहर आदि पर स्याही लगाई जाती है ।