इंदर पु संज्ञा दे॰ [सं॰ इन्द्र] दे॰ 'इंद्र' । उ॰—मुनि जन इंदर झूलि सब, झूले गौरि गनेस—संतबानी, भा॰ १, पृ॰ १८ । यौ॰.—इंदर का अखाडा = अप्सराओं, परियों का जमावड़ा । उ॰—हमको 'नासिख' राजा इंदर का अखाड़ा चाहिए ।— कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ३५४ ।