इंद्रियार्थवाद
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
इंद्रियार्थवाद संज्ञा पुं॰ [सं॰ इन्द्रियार्थ+वाद] वह मत जिसके अनुसार बुद्धि—व्यापार—वर्जित इ द्रियज सुख ही सब कुछ है और उसी की निष्पत्ति काव्य का प्रधान गुण है । उ॰—कीट्स की कल्पना बहुत ही तत्पर थी .... वे अपने इद्रियार्थवाद के लिये प्रसिद्ध हैं ।—चिंतामणि, भा॰ २, पृ॰ १३८ ।