इंनारुन पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'इँदारुन' । उ॰— बिनु हरि भजन इँनारुन के फल तजत नहीं करुआई । — तुलसी ग्रं॰पृ॰ ५४६ ।