इकंक पु क्रि॰ वि॰ [सं॰ एक, प्रा॰इक्क +सं॰ अंक] निश्चय । अवश्य । उ॰— राम तिहारे सुजस जग, कीन्हो सेत इकंक ।—भिखारी ग्रं॰ भा॰ २, पृ॰५७ ।