इकबारगी क्रि वि॰ [हिं॰] दे॰ 'एकबारगी' । उ॰—बहुत भए इकबारगी, तिनको गुंफ जु होय । तहि समुच्चय कहत हैं, कबि कोबिद सब कोय ।मतिराम ग्रं॰,पृ॰ ४१८ ।