इजार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]इजार स्त्री॰ [अ॰] पायजामा । सूथन । सुथना । उ॰—लसत गूजंरी ऊजरी बिलसत लाल इजार । हिए हजारनि के हरै बैठी बाल बजार ।—मतिराम ग्रं॰, पृ॰ २९२ । क्रि॰ प्र॰—उतारना=नंगा होना । प्रतिष्ठा खोना । इज्जत उतारना । उ॰—और आदमी ही डाले है अपनी इजार उतार ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ३१७ । यौ॰—इजारबंद ।