इत्र

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

इत्र संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. अतर । पुष्पसार । इतर । उ॰—न दी बु एक ने ऐ गुलबदन तेरे पीसनों की, हजारों इत्र खिंचकर तबल ए अत्तार में आए । कविता कौ॰, भा॰४, पृ॰ ३७७ ।

२. सुंगध । खुशबु ।

३. सार । सत्त ।