इससे

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

इससे ताड़ी निकाली जाती है जिसे लोग पीते है और जिससे गुड़ भी बनाते हैं । इसकी कोमल बालों या मंजरी की तरकारी बनाई जाती है । इसके पुराने स्कंध में के गूदे से सागूदाना निकलता है जो पानी में पकाकर खाया जाता है या पीसकर जिसकी रोटियाँ बनाई जाती है; और रेशे से कूंची, ब्रुश, रस्सी और जाल बनाए जाते हैं । इसकी लकड़ी मजबूत और टिकाऊ होती है । इसे भेरवा भी कहते हैं ।