ईतर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ईतर ^१ पु वि॰ [ हिं॰ इतरना ] इतरानेवाला । ढीठ । शोख । गुस्ताख । उ॰—गई नंद घर कौं सबै, जसुमति तहँ भीतर । देखि महरि कौं कहि उठीं सुत कीन्हौ ईतर ।-सूर॰, १ । १ ।२१०४ ।

ईतर ^२ वि॰ [सं॰ इतर] निम्न श्रेणी का । साधारण । नीच । उ॰— कोटि बिलास कटाच्छ कलोल बढा़वै हुलासन प्रीतम हीतर । यों मनि यामैं अनूपम रूप जो मैनका मैन वधू कही ईतर । सूर॰, १० ।१४८६ ।