ईश
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ईश ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ ईशा, ईशी]
१. स्वामी । मानिक । उ॰—जो सबते हित मोकहँ कीजत, ईश दवा करिकै बरु दीजत ।—रामचंद्र॰,पृ॰ १६१ ।
२. राजा ।
३. ईश्वर । परमेश्वर ।
४. महादेव । शिव । रुद्र । उ॰—वंद्रहिं बदंत है सब केशब ईशत बंदनता अति पाई ।—रामचं॰,पृ १६१ यौ॰ — ईशकोण ।
५. ग्यारह की संख्या ।
६. आर्दा नक्षत्र ।
७. एक उपनिषद् जो शुक्ल यजुर्वेद की वाजसनेयि शाखा के अंतर्गत है । इसका पहला मंत्र 'ईश' शब्द से प्रारंभ होता है । ईशावास्य उपनिषद् । यौ॰—देवेश । नरेश । वागीश । सुरेश ।
८. पारद । पारा ।
ईश ^२ वि॰
१. ऐश्वर्यशाली ।
२. सामर्थ्यवान् [को॰] ।