ईसर ^१पु संज्ञा पुं॰ [ सं॰ ऐश्वर्य ] धनसंपत्ति । ऐश्वर्य । वैभव । उ॰—कहेन्हि न रोव बहुत तैं रोवा । अब ईसर भा दारिद खोवा ।—जायसी(शब्द॰) ।
ईसर ^२पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ ईश्वर प्रा॰ इस्सर, ईसर] दे॰ 'ईश्वर' । उ॰—ईसर केर घंट रन बाजा । जायसी ग्रं॰, पृ॰ ११७ ।