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ईहा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ईहा संज्ञा स्त्री [सं॰] [वि॰ ईहित]

१. चेष्टा । उ॰—सूछम समुझि परासयहि ईहा सभिप्राय । कर जोरत लखि हरिहि तिय लिय कज्जल दृग लाय ।— पदमाकर ग्रं॰, पृ॰ ६३ ।

२. उद्योग ।३ इच्छा । वांछा ।

४. लोभ ।—(डिं॰)