ईहाँ पु अब्य॰ [ हिं॰] दे॰ 'यहाँ' । उ॰—इह न कहइ अस ईहा ऐसे । जैसिन वस्तु प्रकासक तैसे ।— नंद॰ग्रं॰, पृ॰ ११७ ।