उऋण वि॰ [सं॰ उत् + ऋण] १. ऋणरहित । ऋणमुक्त । जिसका ऋण से उद्धार हो गया हो । उ॰—तुम्हारा सहचरा सहचर बनकर क्या न उऋण होऊँ मैं बिना विलंब ।—कामायनी पृ॰ ५६ ।