उकसौंहाँ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उकसौंहाँ पु वि॰ [हिं॰ उकसना + औहाँ (प्रत्य॰)] [स्त्री॰] उकसौंहीं] उभड़ता हुआ । उठता हुआ । उ॰—उर उकसौहैं उरज लखि धरत क्यों न धनि धीर । इनहिं बिलोकि बिलोकि— यतु सौतिन के उर पीर । ।—पद्दाकर ग्रं॰, पृ॰ ८५ ।