उगलना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उगलना क्रि॰ स॰ [सं॰ उदगरण, पा॰ प्रा॰ उग्गिलन]

१. पेट में गई हुई वस्तु को मुँह से बाहर निकालना । कै करना । जैसे—जो खाया पिया था सो सब उगल दिया ।

२. मुँह में गई वस्तु को बाहर थूक देना जैसे—दैखो निगलना मत, उगल दो ।

३. पचाया माल विवश होकर वापस करना । जैसे, यार माल तो पच गया था, पर ऐसे फेर में पड़ गए कि उगल देना पड़ा ।

४. किसी बात को पेट में न रखना । जो बात छिपाने के लिये कही जाय उसे प्रकट कर देना । जैसे— यह बड़ा दुष्ट मनुष्य है; जो कुछ यहाँ देखता है सब जाकर शत्रुओं के सामने उगलता है ।

५. विवश होकर कोई भेद खोल देना । दबाव या संकट में पड़कर गुप्त बात बता देना । जैसे— जब अच्छी मार पड़ेगी; तब आप ही सब बातें उगल देगा । सं॰ क्रि॰—देना ।—पड़ना ।

६. बाहर निकालना । जैसे—ज्वालामुखी पहाड़ आग उगलते हैं । मुहा॰—जहर उगलना = ऐसी बात मुँह से निकलना जो दूसरे को बहुत बुरी लगे या हानि पहुँचाये ।