उचाई संज्ञा अ॰ [हिं॰] दे॰ 'ऊँचाई' । उ॰—सागर मैं गहिराई, मेरु मैं उचाई, रविनायक में रूप की निकाई निरधारिए ।— मति॰ ग्रं॰, पृ॰ ३७२ ।