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उच्चार

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उच्चार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कथन । शब्द मुँह से निकालना । बोलना । उ॰—सकल सुख दैनहार तातै करों उच्चार कहत हौं बार बार जिनि भुलवों । नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३२८ । — क्रि॰ प्र॰—करना । होना । यौ॰—गोत्रोच्चार । मंत्रोच्चार । शाखोच्चार ।

१. मल पुरीष ।