उजाला
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
उजाला ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ उज्ज्वल] [स्त्री॰ उजाली]
१. प्रकाश । चाँदनी । रोशनी । जैसे, (क) उजाले में आओ तुम्हारा मुँह तो देखें । (ख) उजाले से अँधेरे में आने पर थोड़ी देर तक कुछ नहीं सुझाई पड़ता । क्रि॰ प्र॰—करना ।— होना ।
२. वह पुरुष जिससे गौरव हो । अपने कुल और जाति में श्रेष्ठ । जैसे—वह लड़का अपने घर का उजाला है । मुहा॰—उजाला होना = (१) दिन निकलना । प्रकाश होना । (२) सर्वनाश होना । उजाले का तारा=शुक्र ग्रह ।
उजाला ^२ वि॰ [स्त्री॰ उजाली] प्रकाशमान । अँधेरा का उलटा । यौ॰—उजाली रात = चाँदनी रात । उजाला पाख, उजाले पाख = शुक्ल पक्ष । सुदी ।