उठान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]उठान संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ उत्थान, उट्ठान प्रा॰ उट्ठाण]
१. उठना । उठने की क्रिया ।
२. ऊँचाई ।
३. रोह । बाढ़ । बढ़ने का ढंग । वृद्धिक्रम । जैसे—इस लड़के की उठान अच्छी है ।
३. गति की प्रांरभिक अवस्था । आरंभ । जैसे, इस ग्रंथ का उठान तो अच्छा है, इसी तरह पूरा उतर जाय तो कहें । उ॰—सरस सुमिलि चित तुरंग की करि करि अमित उठान । गोइ निबाहे जीतिए प्रेम खेल चैगान ।—बिहारी (शब्द॰) ।
४. खर्च । व्यय । खपत । जैसे—गल्ले की उठान यहाँ बहुत नहीं होती है ।