उड्डीयन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उड्डीयन संज्ञा पुं॰ [सं॰ ]

१. हठयोग का एक बंध या क्रिया जिसके द्वारा योगी उड़ते हैं । कहते हैं इसमें सुषुम्ना नाड़ी में प्राण को ठहराकर पेट को पीठ में सटाते हैं ओर पक्षियों की तरह उड़ते हैं ।

१. उड़ना । उड़ान । उ॰—स्वनित उड्डीयन —ध्वनित गतिजनित अनहद नाद से यह— दिग्दिगंताकाश बक्षस्थल, रहा है गूँज अहरह । —क्वासि, पृ॰, १०१ ।