उतृण
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
उतृण पु † वि॰ [सं॰ उद्+तीर्ण]
१. ऋणमुक्त । उऋण । अनृण । उ॰—हाय किस भाँति उस पिता के धर्म ऋण से उतृण होऊँ ।—तोताराम (शब्द॰) ।
२. जिसने उपकार का बदाला चुका दिया हो । उ॰— आप अपना आधा धन भी उसको दे देवें तब भी उसके ऋण से उतृण नहीं । हो सकते । शिवप्रसाद (शब्द॰) ।