उत्तान

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उत्तान ^१ वि॰ [सं॰] पीठ को जमीन पर लगए हुए । चित । सीधा । यौ॰— उत्तानपणि । उत्तानपाद ।

उत्तान ^२ संज्ञा पुं॰ चरक के मत से वात रक्त का एक भेद । इसका प्रभाव त्वचा और मांस पर होता है । उ॰—वात रक्त चरक ने दो प्रकार का कहा है—एक तो उत्थान, दूसरा गंभीर ।— माधव नि॰, पृ १५१ ।