उत्पथ
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
उत्पथ पु संज्ञा पुं॰ [हि॰] उठान । उत्थान । उ॰—वहँ कोइ रिद्धि न सिद्धि है वहँ नहि पुण्य न पाप, हरिया विषय न वासना वहँ उत्थप नहिं थाप ।— राम॰ धर्म॰ पृ॰ ६१ ।
उत्पथ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बुरा रास्ता । विकट मार्ग ।
२. कुमार्ग । बुरा आचरण । यौ॰—उत्पथगामी ।