उत्सर्जन वि॰ [सं॰] [वि॰ उत्सर्जित, उत्सृष्ट] १. त्याग । छोड़ना । दान । ३. एक वैदिक गृहकर्म जो वर्ष में दो बार होता है, एक पूस में, और दूसरा श्रावण में ।