उत्साह संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ उत्साहित, उत्साही] १. वह प्रसन्नता जो किसी आनेवाले सुख को सोचकर होती है और मनुष्य को कार्य में प्रवृत्त करती है । उमंग । उछाह । जोश । हौसला । २. साहस । हिम्मत । विशेष—उत्साह बीर रस का स्थायी माना जाता है ।