उदात्त

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उदात्त ^१ वि॰ [सं॰]

१. उँचे स्वर से उच्चारण किया हुआ ।

२. दयावान् । कृपालु ।

३. दाता । उदार ।

४. श्रेष्ठ । बड़ा ।

५. स्पष्ट । विशद ।

६. समर्थ । योग्य ।

७. प्रिय । प्यारा (को॰) ।

८. ऊँचा । उच्च (को॰) ।

उदात्त ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वेद के स्वरों के उच्चारण का एक भेद जो तालु आदि के ऊपरी भाग की सहायता से होता है ।

२. उदात्त स्वर ।

३. एक काव्यालंकार जिसमें संभाव्य विभूति का वर्णन खूब बढ़ा चढ़ाकर किया जाता है । जैसे— कुंदन की भूमि कोट काँगरे सुकंचन दिवार द्वार विद्रुम अशेष के । लसत पिरोजा के किवार खंभ मानिक के हीरामय छात छाजै पन्ना छवि वेश के । जटिल जवाहिर झरोखा पै सिम्याने तास तास आसपास मोती उडुगन भेष के । उन्नत सुमंदिर से सुंदर परंदर के मंदिर तै सुंदर ये मंदिर बृजेश के । (शब्द॰) ।

४. दान ।

५. एक आभूषण ।

६. एक प्रकार का बाजा । बड़ा ढोल । नायक का एक भेद । दे॰ 'धीरोदात्त' (को॰) ।