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उदान

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उदान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. प्राणवायु का एक भेद जिसका स्थान कंठ है । इसकी गति हृदय से कंठ और तालु तक और सिर से भ्रूमध्य तक है । इससे डकार और छींक आती है ।

२. श्वास । साँस (को॰) ।

३. पक्ष्म । बरौनी (को॰) ।

४. नाभि (को॰) ।

५. प्रशंसा या आनंद की व्यंजना (बौद्ध) (को॰) ।

६. एक प्रकार का सर्प (को॰) ।