उधेड़बुन संज्ञा पुं॰ [हि॰ उधेड़ना+बुनना] १. सोचविचार । ऊहापोह । उ॰—पड़ गए हो उधेड़बुन में क्यों ।—चुभते॰, पृ॰ ४२ । २. युक्ति बाँधना । जैसे,—किस उधेड़बुन में हो जो कही हुई बात नहीं सुनते ।