उनींदा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उनींदा वि॰ [सं॰ उन्निद्र] [स्त्री॰ उनींदी] बहुत जागने के कारण अलसाया हुआ । नींद से भरा हुआ । नींद में माता हुआ । ऊँघता हुआ । उ॰—(क) श्याम उनींदे जानि मातु रचि सेज बिछायो, तापै पौढ़ै लाल अतिह मन हरख बढ़ायो ।—सूर (शब्द॰) । (ख) उठी सखी हँसि मिस करि कहि मृदु बैन, सिय रघुबर के भए उनींदे नैन ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ २० । (ग) लटपटी पाग सिर साजत, उनींदे अंग द्विजदेव ज्यों त्यों कै सँभारत सबै बदन ।—द्विजदेव (शब्द॰) ।