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उन्मत्त

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उन्मत्त ^१ वि॰ [सं॰] [संज्ञा उन्मत्तता]

१. मतवाला । मदांध ।

२. जो आपे में न हो ।

३. पागल । बावला । सिड़ी । विक्षिप्त । यौ॰—उन्मत्तप्रथलित, उन्मत्त प्रलाप = पागलों की बातचीत । अंडबंड और निरर्थक वचन ।

उन्मत्त ^२ संज्ञा पुं॰

१. धतूरा ।

२. मुचकुंद का पेड़ । यौ॰— उन्मत्त पंचक = धतूरा, बकुची, भाँग, जावित्रो और खस— खास इन पाँच मादक द्रव्यों का समुच्चय । उन्मत्तकस = पारा, गंधक, सोंठ, मिर्च और पीपल के संयोग से बनी हुई एक रसौषध जिसे नाक में नास देने से सन्निपात दूर होता है ।