उन्मेष
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]उन्मेष संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ उन्मिषित]
१. खुलना (आँख का) ।
२. विकास । खिलना । उ॰—समस्त चराचर में सामान्य हृदय की अनूभूति का जैसा तीव्र और पूर्ण उन्मेष करुणा में होता है वैसा किसी और भाव में नहीं ।—चिंतामणि, भाग २, पृ॰ ५७ ।
३. थोड़ा प्रकाश । थोड़ी रोशनी ।