उपजाना

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उपजाना क्रि॰ सं॰ [हि॰ उपजना का सकर्मक रूप] उत्पन्न करना । पैदा करना । विशेष—गद्य में इसका प्रयोग विशेषतः जड़ और वनस्पति के लिये होता है, बड़े जीवों के लिये नहीं । पर पद्य सवके लिये होता है । उ॰—(क) भलेउ पोच सब विधि उपजाए । मानस १ । दो॰ ६ । (ख) पिय पिय रटै पपिहुरा रे हिय दुख उपजाव ।—विद्यापति, पृ॰ ५४४ ।