उपज्ञा

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उपज्ञा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. आत्मोपार्जित ज्ञान । सहज ज्ञान । प्रकृतिदत्त प्रतिभा ।

२. आविष्कार ।

३. नए सिरे से किसी नई वस्तु का निर्माण [को॰] ।