उपलक्षण
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
उपलक्षण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ उपलक्षक, उपलक्षित]
१. बोध करानेवाला चिह्न । संकेत ।
२. शब्द की वह शक्ति जिससे उसके अर्थ से निर्दिष्ट वस्तु के अतिरिक्त प्रायः उसी की कोटि की और और वस्तुओं का भी बोध होता है । यह एक प्रकार की अजहत्स्वार्था लक्षणा है । जैसे 'खेत को कौओं से बचाना' इस बाक्य में कोओं शब्द से और और पक्षी भी समझ लिए गए ।